नाम का चक्कर

तो दो नामों की एक कहानी सुनाता हूँ । मैं England में था । अस्सी के दशक के मध्य वर्षों में । Wolverhampton एक जगह है , midlands में । New Cross Hospital .

अंग्रेजों ने बड़ा abuse किया । चकोर भीतर से चतुर और बदमाश होते हैं । Consultant इतना खटवाये और हम लोग उसको ख़ुश करने में परेशान नज़र आते हमेशा । 

मैं वहाँ रह जाता GP बन कर , और फिर उस समय अंग्रेज लड़की को date भी कर रहा था । लेकिन मन नहीं माना !
ख़ैर !

तो उस अस्पताल में दो नया पाकिस्तान का लड़का आया । अथर जलील सिद्दीक़ी और अथर मोहम्मद सिद्दीक़ी ।

Switch board को समस्या
page करने में । एक तो last name एक और दूजे नीम चढ़ी , first name भी वही ! 

Switch board की लड़कियों ने तरकीब निकाली अपनी सहूलियत के लिए । दोनों को बोली कि आप को middle name से पुकारेंगे । Dr Jaleel और Dr Mohammad .
दोनों मान भी गये । 

Page होना शुरू हुआ तो मुझे लगा दो और नया लड़का housemanship करने आया है ।

पर शीघ्र पता चल गया ये पुरानी मछली ही हैं , इनके नाम का मुंडन कर दिया गया । 

मैंने दोनों से कहा , क्यों भाई ? ऐसा भी क्या है ! अंगेज़ कभी सहमति देंगे कि उनको middle name से बुलाया जाय ।

मेरी सलाह पर दोनों ने कुछ मंथन के बाद उन लड़कियों से जाकर टक्कर ली ।
तब paging शुरू हुआ : Dr Athar Jaleel Siddiqui और Dr Athar Mohammad Siddiqui ! 

दो दिन बाद pub में दोनों switch board की लड़कियाँ मिलीं । मैंने कहा , if you want to date them you can call by their middle name !
हँसने लगी !
बताइए , बदमाशी की हद है !

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